सरयू और गोमती नदी के पावन संगम पर स्थित भगवान शिव का यह प्राचीन बागनाथ मंदिर जिसके नाम पर इस पूरे जिले का नाम ही बागेश्वर पड़ गया, अत्यंत ही पावन धाम है I यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है यहां पर शिवरात्रि के दौरान भक्तों की भीड़ लगी रहती है I
बागनाथ मंदिर की कथा
वेदों पुराणों के अनुसार इस स्थान पर ऋषि मारकंडे एक बार तपस्या कर रहे थे वह भगवान शिव की तपस्या कर रहे थेI और यहां पर उन्हें भगवान शिव ने एक बाग़ के रूप में आकर दर्शन दिए जिस वजह से इस मंदिर का नाम बागनाथ पड़ा I 1450 ईस्वी में इस मंदिर का निर्माण चंद्र शासक लक्ष्मी चंद्र द्वारा कराया गया I इसे नगर शैली में बनाया गया है
जो की अत्यंत ही खूबसूरत है ऐसा माना जाता है यदि कोई व्यक्ति यहां आकर सच्चे मन से कोई इच्छा प्रकट करता है तो उसकी यह इच्छा भगवान शिव तक अवश्य पहुंचती हैI मकर संक्रांति के दौरान यहां पर उत्तरायणी मेले का आयोजन होता है और यह मेल बहुत ही भाव माना जाता हैI दूर-दूर से पर्यटक यहां पर मेले का आनंद उठाने के लिए आते हैंI

बागनाथ मंदिर कैसे पहुंचे
यदि आप उत्तराखंड से बाहर से आ रहे हैं तो आपको हल्द्वानी आना होगा यहां से आपको बस या टैक्सी के द्वारा बागेश्वर आना होता है बागेश्वर से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर ही बागनाथ मंदिर स्थित है तो आप बागेश्वर से पैदल भी यहां आ सकते हैं इससे आपको बहुत अच्छा फील होगा क्योंकि पहाड़ों में चलने का एक अपना ही आनंद होता हैI
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