भीलेश्वर पहाड़ी पर स्थित चंडिका मंदिर बागेश्वर से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है माता काली को ही चंडिका कहा गया है जो कि माता दुर्गा का ही एक रूप हैI भक्तों को यहां पर पवित्र ऊर्जा का अनुभव होता है जो कि स्वयं माता के यहां पर होने का एक संकेत है दूर-दूर से भक्तगण यहां पर आते हैं I
चंडिका मंदिर बागेश्वर की कथा
चंडिका माता को बागेश्वर की नगर देवी के नाम से भी जाना जाता है I इनकी स्थापना यहां पर चंद्र शास्त्र को के कुल पुरोहित के द्वारा की गई थी इन्हें यहां पर चंपावत से लाया गया था I ताम्रपत्र से मिली जानकारी के अनुसार चंद्र वंश के पुरोहित रह चुके श्री राम पांडे माता चंडिका और गोलजू को चंपावत से यहां लेकर आए थे I विलेश्वर पहाड़ी पर मां चंडिका के मंदिर की स्थापना की गई इसी के कुछ दूरी पर गोल्ज्यू की स्थापना की गई जिन्हें आज चौरासी गोल्ज्यू के नाम से जाना जाता है I
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