हमारे शरीर में 7 मुख्य चक्र होते हैं — यही हमारी ऊर्जा के केंद्र हैं। 

जब ये चक्र संतुलित रहते हैं, तब मन, शरीर और आत्मा में शांति बनी रहती है। 

पहला है मूलाधार चक्र — यह स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है। 

स्वाधिष्ठान चक्र रचनात्मकता और भावनाओं को नियंत्रित करता है। 

मणिपुर चक्र आत्मविश्वास और शक्ति से जुड़ा होता है। 

अनाहत चक्र यानी हृदय चक्र — प्रेम और करुणा का केंद्र है। 

विशुद्ध चक्र सच्ची अभिव्यक्ति और संचार की शक्ति देता है। 

आज्ञा चक्र आपकी अंतर्ज्ञान और दृष्टि को जागृत करता है। 

और सबसे ऊपर सहस्रार चक्र, जो आपको ब्रह्मांड से जोड़ता है। 

जब ये सातों चक्र जागृत होते हैं — तभी भीतर से सच्ची हीलिंग होती है। 

जब ये सातों चक्र जागृत होते हैं — तभी भीतर से सच्ची हीलिंग होती है।