हाट कालिका मंदिर उत्तराखंड: आर्मी की कुमाऊँ रेजीमेंट की आराध्य देवी है हाट कालिका
हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट पिथौरागढ़ में स्थित है| यहां की मान्यता है कि माता रानी रात को यहां आराम करने आती हैं
रात को यहां माता के डोले जाते हैं जिसमें माता के गण, आंण व बांण की सेना होते हैं कहा जाता है अगर कोई इस डोली को छू ले तो उसे दिव्य वरदान प्राप्त हो जाता है|
पुराणों में उल्लेख मिलता है कि माता रानी का मंदिर प्राचीन हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार गुरु शंकराचार्य ने महाकाली माता का यह शक्तिपीठ कुमाऊं मंडल के भ्रमण करते समय स्थापित किया था!
यह मंदिर हजारों वर्षों से भी पुराना है देवी की शक्ति के अनुसार यह माना जाता है कि इस मंदिर स्थल पर एक सतत पवित्र आग जलती है|
मंदिर के पुजारियों का कहना है कि मंदिर में रात के समय ताला लगा दिया जाता है माता के लिए बिस्तर बिछा दिया जाता है -
जब सुबह आकर मंदिर के द्वार खोले जाते हैं तो माता रानी का बिस्तर सिमटा हुआ मिलता है मानो बिस्तर पर कोई सोया हो|
जो भी श्रद्धालु माता रानी के चरणों में श्रद्धा पुष्प अर्पित करता है तो वह रोग शोक और दरिद्रता से दूर हो जाता है|
जब भी कभी रेजिमेंट बदली जाती है तो सबसे पहले माता रानी के दर्शन करते हैं तथा माता रानी की पूजा करते हैं उसके बाद आगे का कार्य शुरू किया जाता है|
कभी आप मंदिर जाएंगे तो देखेंगे कि कुमाऊँ रेजीमेंट के द्वारा बनाए गए बहुत सारे कमरे तथा कुमाऊं रेजीमेंट के कई बटालियन द्वारा मंदिर के कई द्वार बनाए गए हैं |