कोटगाड़ी भगवती मंदिर:जानिए क्या है उत्तराखंड के इस अद्भुत मंदिर का रहस्य?
कोटगाड़ी भगवती मंदिर को विभिन्न रूपों से जाना जाता है कोकिला देवी मंदिर, कोटगाड़ी मंदिर, भगवती मंदिर, इंसाफ का मंदिर ,कामना पूर्ति मंदिर के नाम से भी जाना जाता है
माता के दर्शन करने के बाद बरारी देवता का दर्शन करना अनिवार्य है उनके दर्शन के बिना मंदिर के दर्शन अधूरे माने जाते हैं|
लोक मान्यताओं के अनुसार मंदिर के अंदर माता की मूर्ति में योनि गिरी हुई हैजिसे ढक कर रखा जाता है
माता का मंदिर के बाहर बागादेव के रूप में पूजित दो भाई सूरजमल और छुरमल का मंदिर है|
लोग अपनी आपदा विपदा, अन्याय ,असमय कष्ट ,कपट का निवारण के लिए माता को पुकार लगाते हैं तथा इंसाफ मांगते हैं!
लोग कोट कचहरी ना जाकर माता के मंदिर में आना ज्यादा पसंद करते हैं|
यहां लोगों का विश्वास है कि माता भगवती के दरबार में पांचवीं पुश्तों का भी न्याय मिलता है|
हर वर्ष यहां पर चैत्र व अश्विन मास की अष्टमी को तथा भादो में ऋषि पंचमी को मंदिर में मेरा लगता है|