गंगा के किनारे खड़े होने से मन अपने-आप शांत हो जाता है। 

यहाँ के जल में सिर्फ पानी नहीं, भावनाएँ बहती हैं। 

हरिद्वार की शाम की आरती आत्मा को रोशन कर देती है। 

ऋषिकेश में गंगा के साथ हवा भी पवित्र लगती है। 

कई लोग यहाँ आकर अपने जीवन का अर्थ समझते हैं। 

गंगा के किनारे ध्यान करने का अनुभव अवर्णनीय है। 

कहा जाता है — गंगा मन के बोझ को हल्का कर देती है। 

नदी की लहरों में एक अद्भुत ऊर्जा धड़कती है। 

गंगा में डूबकी शरीर नहीं, आत्मा को साफ करती है। 

गंगा सिर्फ नदी नहीं, माँ और आस्था की धारा है।