मां हाट कालिका मंदिर पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन शक्तिपीठ है।
चारों ओर देवदार के घने जंगल मंदिर की सुंदरता को और पवित्र बनाते हैं।
यहां माना जाता है कि रात को माता रानी स्वयं आकर विश्राम करती हैं।
मंदिर में जलती धूनी की भस्म को भक्त आशीर्वाद स्वरूप घर ले जाते हैं।
मान्यता है कि यह भस्म बुरी नजर, बाधा और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर देती है।
इस मंदिर की स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी।
मां हाट कालिका कुमाऊं रेजीमेंट की आराध्य देवी भी हैं।
युद्ध के समय सेना ने माता से प्रार्थना की थी और उनकी रक्षा हुई — इसके बाद विशाल घंटा चढ़ाया गया।
यहां विवाह भी होते हैं, मान्यता है कि माता की उपस्थिति से सात जन्मों का साथ मिलता है।
जो भी श्रद्धा से माता के चरणों में आता है, वह खाली हाथ नहीं लौटता।
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