मां सूर्या देवी मंदिर जो भी आता है खाली हाथ लौट कर नहीं जाता, माता करती है चमत्कार!
मां सूर्या देवी मंदिर बाढ़ आने पर पूरी तरह से डूब तो जाता है। लेकिन पानी कम होने पर ज्यों का त्यों रहता है मंदिर।
मंदिर के बारे में कहा जाता है कि ओरंजेब के समय राजस्थान से कुछ लोग ओरंजेब की तानाशाही के कारण ओरंजेब से बचने के लिए...
अपनी कुल देवी की ज्योति जला कर पहाड़ो के तरफ आए तो जब वो चोरगलिया में एक पेड़ के नीचे पहुंचे तो वह वो ज्योति बुझ गई।
तो उन लोगो ने उस देवी को वहा पर ही स्थापित कर दिया और मन्नत मांगी की हमारा सब कुछ ठीक हो गया तो हम वहा पर आयेंगे और पूजा अर्चना करेंगे और वो वहा से चले गए।
इस मंदिर में कोई भी भक्त अपनी मुराद ले कर जाता है तो मां उसकी मुराद को जरूर पूरा करती है।
घने जंगलों के बीच होने के कारण भी माता के मंदिर में बहुत स्रधालु आते है। देखा गया है की मंगलवार को और शनिवार को ज्यादा भक्त आते है।
आस पास से ग्रामीण क्षेत्र के लोग पूरे गांव वाले एक साथ आ कर मां सूर्य देवी की पूजा करते है।
ऐसा माना जाता है की कभी कभी शेर भी माता के मंदिर में आते है और गरजते है। लेकिन किसी को नुकसान नही पहुंचते है!
माता के मंदिर के जो सेवक थे अब उनकी मृत्यु हो गई है। लेकिन जब तक वो जिंदा थे उसके आश्रम में रोज रात को शेर आते थे।