Triyuginarayan Temple शिव पार्वती  के आशीर्वाद से होता है विवाह

Images credit: Google

भगवान शिव ने माता पार्वती का विवाह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। जिसके बाद तीनों लोको में तैयारी शुरू हो गई। 

Images credit: Google

हिमालय राज्य की नगरी हिमवंत की राजधानी त्रियुगीनारायणगांव ही था। इसलिए त्रियुगीनारायण गांव के इस Triyuginarayan Temple में शिव और पार्वती का विवाह कार्यक्रम कराने का निर्णय लिया गया। 

Images credit: Google

इस विवाह में सभी देवी देवता स्वर्ग लोक से पधारे थे। 

Images credit: Google

यहीं पर भगवान विष्णु ने माता पार्वती को अपनी बहन के रूप में स्वीकार किया था तथा भाई के सभी कर्तव्य भगवान विष्णु ने निभाई थी। 

Images credit: Google

यहां पर स्वयं भगवान ब्रह्मा विवाह के पंडित बने थे तथा उन्होंने ही विवाह संपन्न कराया था।यहां पर आज भी अग्नि कुंड जल रही है।जो शिव और पार्वती की शादी के समय कुंड था। 

Images credit: Google

जिसमें भगवान शिव और पार्वती ने फेरे लिए थे। त्रियुगी मंदिर कहा जाता है क्योंकि यह तीनों युग से कुंड की अग्नि जली आ रही है। 

Images credit: Google

यहां पर 3 कुंड देखने को मिलते हैं। जो कि ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों की नहाए हुए कुंड है। 

Images credit: Google