Neem Karoli Baba के जीवन का रहस्य जानकर रह जाएंगे हैरान

नीम करोली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था I ग्रामअकबरपुर, जिला फर्रुखाबाद (उत्तरप्रदेश) से मन में राम नाम जपते हुए

तप करने निकले और इसी सादगी में तप करते हुए वाह लक्ष्मीनारायण शर्मा  से बाबा श्री नीम करोली महाराज बने

बाबा अपनी सादगी से ही लोगो को आकर्षित कर देते थे इन्होंने अपने आप को समाज से और दिखावे से दूर रखा।

उत्तरप्रदेश के अकबरपुर गांव में उनका जन्म 1900 के आसपास हुआ था। उनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था।

11 वर्ष की उम्र मे उनका विवाह हो गया था। 17 वर्ष की उम्र में ही उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी बाबा नीम करौली महाराज के दो पुत्र और एक पुत्री हैं।

ज्येष्ठ पुत्र अनेक सिंह शर्मा अपने परिवार के साथ भोपाल में रहते हैं, जबकि कनिष्ठ पुत्र धर्म नारायण शर्मा वन विभाग में रेंजर के पद पर रहे थे।

बाबा नीम करौली जी ने  1958 मे अपने घर को त्याग दिया था और पूरे उत्तर भारत में एक साधु के रूप में भ्रमण करने लगे।

उस दौरान लक्ष्मण दास हांडी वाले बाबा ,चमत्कारी बाबा और तिकोनिया वाले बाबा नाम से जाने जाने लगे

गुजरात के ववानिया मोरबी में तपस्या की तो वहां उन्हें तलईया बाबा के नाम से पुकारने लगे। बाबा कहते थे की

पूरी दुनिया को प्यार करो भगवान अपने आप मिल जायेंगे उन्होंने अपने शरीर का त्याग 11 सितंबर 1973 में वृंदावन में किया।