स्वर्गपूरी पांडव खोली  मैं रहे थे पांडव वनवास के दौरान

स्वर्गपूरी पांडव खोली उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के एक प्रसिद्ध शहर द्वाराहाट से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैI स्वर्गपूरी पांडव खोली महाभारत काल से जुड़े हुए पांडव का प्रसिद्ध मंदिर हैI 

ऐसी मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांचो पांडव अपनी पत्नी द्रोपति के साथ यहां पर रुके थे 

कुछ लोग बताते हैं कि पांडवों ने यहां पर भगवान शिव के देवालय की स्थापना की थी  

भगवान शिव एवं पांचो पांडव की मूर्तियां स्थापित है एवं यहां पर कृष्ण भगवान का भी एक काफी सुंदर मंदिर हैI 

जिसमें राधा कृष्ण की मूर्ति के साथ साथ हनुमान जी की प्रतिमा भी लगी हुई है एवं उसके नीचे भगवान शिव का शिवलिंग बना हुआ है और शिवलिंग के साथ नंदी महाराज विराजमान है 

मंदिर के बाहर माता पार्वती और शिव जी की मूर्ति बनी हुई है और मंदिर के दरवाजे के आगे मंदिर की तरफ अपना शीश करे हुए नंदी बैठे है।  

उस समय से हर साल दिसंबर माह में उनकी पुण्यतिथि पर आश्रम में पूजा पाठ एवं भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें सैकड़ों भक्तजन हिस्सा लेते हैं 

और साल भर में आने वाले विशेष त्योहारों जैसे शिवरात्रि, जन्माष्टमी, नवरात्रि, नव वर्ष ऐसे ही कई त्योहारों में मंदिर में भक्तजनों की काफी भीड़ लगी रहती है जिसमें मंदिर संस्था द्वारा भक्तों को भोजन कराया जाता है