उत्तराखंड के चंपावत ज़िले में स्थित टनकपुर राज्य के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है। यह एक सुंदर और शांत जगह है, जहाँ प्रकृति की गोद में बसे मंदिर, नदियाँ और हरियाली हर यात्री को अपनी ओर खींच लेते हैं।
टनकपुर को विशेष रूप से शक्ति पीठ माँ पूर्णागिरि मंदिर के लिए जाना जाता है, जो उत्तर भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। पूर्णागिरि मंदिर टनकपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ियों के ऊपर स्थित है। चैत्र नवरात्रि के दौरान यहाँ लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ से शारदा नदी और हिमालय की चोटियों का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है।
टनकपुर के बीचोंबीच बहने वाली शारदा नदी (काली नदी) इस शहर की जीवन रेखा है। नदी किनारे बैठकर बहते जल की धारा और ठंडी हवा का अनुभव मन को शांति से भर देता है।
यहाँ स्थित बनबसा बाँध (Banbasa Barrage) भी एक प्रमुख आकर्षण है। यह नेपाल की सीमा के पास स्थित है और पक्षी प्रेमियों तथा प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है। यहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य मन मोह लेता है।
टनकपुर से कुछ दूरी पर चंपावत, Abbott Mount, और लोहाघाट जैसे सुंदर हिल स्टेशन भी हैं, जहाँ हरियाली, पहाड़ों और प्राचीन मंदिरों का संगम देखने को मिलता है।
टनकपुर न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी एक शानदार गंतव्य है। यहाँ आप ट्रेकिंग, नेचर वॉक, नदी किनारे पिकनिक, और स्थानीय बाजारों में पहाड़ी हस्तशिल्प की खरीदारी का आनंद ले सकते हैं।
टनकपुर उत्तराखंड की वह पवित्र भूमि है जहाँ श्रद्धा और प्रकृति दोनों का संगम देखने को मिलता है। माँ पूर्णागिरि की कृपा और शारदा नदी की शांति इसे एक अनोखी आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है।
टनकपुर – जहाँ आस्था मिलती है प्रकृति की सुंदरता से।