भारत के उत्तराखंड राज्य में उत्तरकाशी में स्थित गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान है। यह लगभग 2390 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें शंकु धारी वृक्ष के वन पर्वतीय मृग और हिमालय गिद्ध गिद्ध है। गंगोत्री हिमानी के मुख पर गोमुख गंगा नदी का मूल सूत्र है।
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड
यह पहाड़ियों से घिरा हुआ उद्यान बहुत ही सुंदर और लाजवाब दिखता है। यहां पर पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है। गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन 1989 में हुई थी।
यहां पर घूमने के लिए अप्रैल-मई से अक्टूबर के महीने में बहुत ही शानदार जगह होती है। इस उद्यान में आपको 14 प्रजाति के पशु प्रजातियां तथा 150 पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिल जाएगी। हर साल यहां हजारों से भी ज्यादा पर्यटकों की भीड़ रहती है।

गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान भागीरथी नदी के ऊपर जल गृह क्षेत्र में स्थित है। पार्क की पूर्वोत्तर सीमा तिब्बत के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगी हुई है।इसकी स्थापना 1989 में हुई थी।
पहाड़ और हिमालय इस उद्यान के विस्तृत भाग में फैले हुए हैं।यहां पर गंगा नदी का उधम स्थान भी है।इस स्थान का नाम गंगोत्री स्थल स्थान के नाम पर रखा गया है। क्योंकि यहां से गंगोत्री हिम्मत जिस पर पार्क का नाम दिया गया है।
वह हिंदुओं का पवित्र स्थान में से एक है।यह बेहद ही खूबसूरत पहाड़ी बर्फीली पहाड़ियों से घिरा हुआ क्षेत्र है। यहां के शानदार ग्लेशियर दर्शकों का मन मोह लेते हैं। कई नदिया इस पार्क के अंदर से होकर बहती हैं।
वन्य जीव प्रेमी प्राकृतिक प्रेमियों और ट्रैक्टर्स के लिए यह बहुत ही शानदार जगह में से एक है। गोमुख गंगोत्री कठिन ट्रैकिंग ,प्वाइंट ट्रैक्टर्स के बीच बहुत मशहूर है। यहां ठंडी रेगिस्तान का घाटी भी है।

इस क्षेत्र को महाभारत काल से जुड़े का स्थान भी मिलते हैं।यहां पर देखने के लिए बहुत सारी महाभारत काल की अनेकों कथाएं और कहानी मौजूद हैं तथा यहां से जुड़ी हुई है।
यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपने साथ बहुत सारे रहस्य में राज्यों को लिए बैठा है। गंगोत्री चार धाम की यात्राओं में अर्थात उत्तराखंड की चार धाम की यात्राओं में से एक धाम यात्रा है।
यह हिंदुओं का प्रथम तीर्थ स्थान माना जाता है।यहां जाने के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से मई तक और मानसून के महीने में सितंबर से अक्टूबर तक के लिए बहुत ही अच्छा समय है। यह पार्क साल भर में 6 माह के लिए ही पर्यटकों के लिए खोले जाते हैं। पार्क के गेट खोलने से अब पर्यटक गोमुख, तपोवन ,नेलांग, गतॉगली की भी सर कर सकते हैं।

यहां देखने के लिए तेंदुए ,अरगली, भेड़,भरल, भूरा भालू ,सेराव ,लाल लोमड़ी ,कस्तूरी मृग, हिमालय वीजल ,हिमालय थार जैसे वन्य जीव की बहुत सारी प्रजाति देखने को मिलेगी।
साथ ही यहां पर मोनाल ,पहाड़ी राजा लाल,पीलपेट हरी तुती, हिमालय गिद्ध, हिमालय कुक्कट, हिमालय तीतर आदि पक्षियों की प्रजातियां भी मौजूद है। जो की बहुत ही खूबसूरत और यहां के दृश्य को और भी सुंदर।
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