मां हाट कालिका मंदिर पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट क्षेत्र में स्थित हैI गंगोलीहाट मां हाट कालिका मंदिर के लिए ही जाना जाता है भारतीय सेना के कुमाऊं रेजीमेंट की आराध्य देवी मां हाट कालिका ही हैI लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर पाताल भुवनेश्वर भी गंगोलीहाट में ही हैI
यहां की मान्यता है कि माता रानी रात को यहां आराम करने आती हैं तथा भक्तों की सभी मुरादें यहां पूरी होती हैं रात को यहां माता के डोले जाते हैं जिसमें माता के गण, आंण व बांण की सेना होते हैंI

कहा जाता है अगर कोई इस डोली को छू ले तो उसे दिव्य वरदान प्राप्त हो जाता है कुमाऊं रेजिमेंट की हाट कालिका आराध्य देवी है I हाट कालिका मां का मंदिर चारों तरफ देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है घिरे हुए पेड़ों से मंदिर की सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं
तथा चारों तरफ पहाड़ियां होने के कारण मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती हैI मंदिर में प्रवेश करने से पहले मंदिर के आसपास आपको अनेकों दुकानें दिखेंगी I
जहां माता रानी के तस्वीरें तथा अन्य चीजें मिलती हैंI मंदिर के अंदर प्रवेश करने पर सबसे पहले मुख्य द्वार मिलेगा जो कि कुमाऊं रेजिमेंट द्वारा बनाया गया है अंदर प्रवेश करते समय आपको लगातार अनेकों घंटियां मिलेंगी जो लोगों द्वारा तथा रेजिमेंट द्वारा लगाई गई है I
आगे बढ़ने पर आपको गणेश जी का छोटा सा मंदिर दिखेगा तथा उससे भी अंदर जाने पर आपको शिवजी का तथा हाट कालिका मां का मंदिर मिल जाएगा मंदिर का नजारा इतना सुंदर है कि मन मोह लेता हैI
उसके अंदर बैठी मां काली की मूर्ति को आप देखते ही रह जाओगे माता रानी की मूर्ति का जितना वर्णन करो उतना कम है ऐसा लगता है की माता रानी आप ही को देख रही होI

मंदिर के अंदर माता काली तथा उनका बिस्तर रखा होता है जिसमें मां आराम करती हैं माता के दर्शन करने के बाद माता की एक परिक्रमा लेनी होती है माता के मंदिर के सामने एक कमरा है माता के मंदिर में जो धूनी जलती है उसकी भस्म को भक्त लोग माता का आशीर्वाद समझकर अपने घर ले जाते हैंI
लोगों की मान्यता है कि माता रानी की इस भस्म अर्थात राख में इतनी शक्ति होती है कि अगर आप के ऊपर कोई गलत साया कोई नजर या किसी भी तरह की कोई बाधा हो तो तिलक लगाने मात्र से ही दूर हो जाती हैI
हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट की मान्यताएँ-
हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट पिथौरागढ़ में स्थित है यहां लोगों की मान्यता है कि माता रानी रोज रात यहां आकर विश्राम करती हैंI हाट कालिका का यह मंदिर माता काली को समर्पित हैI
हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट के बारे में पुराणों में उल्लेख मिलता है कि माता रानी का मंदिर प्राचीन हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार गुरु शंकराचार्य ने महाकाली माता का यह शक्तिपीठ कुमाऊं मंडल के भ्रमण करते समय स्थापित किया थाI
हाट कालिका मंदिर शक्तिपीठों में से एक हैI भक्तों का ऐसा मानना है कि माता रानी बंगाल से आकर यहां पर स्थापित हो गई थी तब से यहां माता को साक्षात विराजमान माना जाता हैI
यह मंदिर हजारों वर्षों से भी पुराना है देवी की शक्ति के अनुसार यह माना जाता है कि इस मंदिर स्थल पर एक सतत पवित्र आग जलती है|
मंदिर के पुजारियों का कहना है कि मंदिर में रात के समय ताला लगा दिया जाता है माता के लिए बिस्तर बिछा दिया जाता है जब सुबह आकर मंदिर के द्वार खोले जाते हैं तो माता रानी का बिस्तर सिमटा हुआ मिलता है मानो बिस्तर पर कोई सोया होI
कहा जाता है कि माता रानी यहां साक्षात विराजमान है इसीलिए जो भी श्रद्धालु माता रानी के चरणों में श्रद्धा पुष्प अर्पित करता है तो वह रोग शोक और दरिद्रता से दूर हो जाता हैI रात के समय यहां माता के डोले जाते हैं जिसमें माता की गण, आंण व बांण की सेना आती है
तथा कहा जाता है जो कोई भी व्यक्ति इस डोली को छू ले तो उसे वरदान प्राप्त हो जाता हैI वैसे तो मां अपने भक्तों पर हमेशा दयालु रहती है
लेकिन ऐसा मान्यता है कि जो माता के दरबार पर आता है कभी खाली हाथ नहीं जाता है माता रानी पास हो या दूर अपने भक्तों की पुकार सुन लेती है तथा भक्तों को खाली हाथ नहीं भेजती हैI

अगर आप मां हाट कालिका को अपने घर से भी कार्य के लिए बोलेंगे तथा प्रण लेंगे की कार्य पूर्ण होने पर आपके दर्शन के लिए आएंगे तब भी मां आपकी बिनती सुन लेती है
और आपको दुखी नहीं छोड़तीI यही कारण है कि माता रानी के मंदिर में 12 महीने भीड़ उमड़ी रहती है तथा आए दिन भक्तों की तादाद बढ़ती जाती हैI
यहां लोग शादी के फेरे कराने भी आते हैं ऐसा मान्यता है कि यहां माता रानी साक्षात विराजमान है तो माता के सामने फेरे लेने से रिश्तो में मिठास वह सात जन्मो तक का रिश्ता रहता हैI
विवाह के सात फेरे लेने के बाद आपको माता रानी के दर्शन शिव जी के दर्शन करने होते हैं इससे विवाह संपन्न माना जाता हैI मान्यता है कि माता काली का आशीर्वाद साक्षात वर और वधू को प्राप्त हो जाता हैI
यहां आपको जगह-जगह अनेक पुजारी मिलेंगे जिनसे लोग अपने घर में शांति के लिए पूजन करवाते हैं मंदिर की मान्यता है कि कोई भी अगर अपने घर की सुख शांति के लिए पूजा करवाता है तो यह पूजा उसे फल देती है तथा घर में सुख शांति बनी रहती हैI
दुर्गा पूजा का सातवें दिन महाकाली का होता है इस दिन मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ उमड़ती है तथा माता रानी के भक्तों के शरीर पर माता रानी साक्षात आती हैं और भक्तों को आशीर्वाद देती हैंI
यहां की स्थाई लोग हर खुशी की माता को बधाइयां देने आते हैं तथा पूजा कराते हैं ऐसा लोगों का मानना है कि उस समय माता रानी किसी के शरीर में आ जाती हैं तथा अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैI
कुमाऊं रेजीमेंट की आराध्य देवी
मां हाट कालिका कुमाऊं रेजीमेंट के आराध्य देवी है जब भी कभी रेजिमेंट बदली जाती है तो सबसे पहले माता रानी के दर्शन करते हैं तथा माता रानी की पूजा करते हैं उसके बाद आगे का कार्य शुरू किया जाता हैI
कुमाऊँ रेजीमेंट का मानना है कि मां हाट कालिका उनकी विनती हमेशा सुनती है तथा सेना की काफी सहायता करती है यही कारण है कि जब भी कभी सेना किसी मिशन या लड़ाई में जाती है तो माता रानी के दर्शन करने जरूर आती है तथा उसके बाद ही आगे का कार्य करती है |
यही नहीं कुमाऊँ रेजीमेंट ने अपनी तरफ से भी माता रानी के मंदिर में काफी सेवाएं प्रदान की है कभी आप मंदिर जाएंगे तो देखेंगे कि कुमाऊँ रेजीमेंट के द्वारा बनाए गए बहुत सारे कमरे तथा कुमाऊं रेजीमेंट के कई बटालियन द्वारा मंदिर के कई द्वार बनाए गए हैंI मंदिर में जाते समय लगता है की कुमाऊँ रेजीमेंट में ही आए हो I
कुमाऊँ रेजीमेंट की एक कहानी बहुत ही प्रचलित है तथा बेहद ही दिलचस्पी है कहा जाता है कि युद्ध के दौरान कुमाऊं रेजिमेंट की एक टुकड़ी पानी के जहाज में कहीं जा रही थी इस दौरान जहाज में तकनीकी खराबी आ गई और जहाज डूबने लगाI
ऐसे में मृत्यु को नजदीक देख टुकड़े के शामिल जवान अपने परिजनों को याद करने लगे तो टुकड़ी में शामिल पिथौरागढ़ निवासी सेना के एक जवान ने मदद के लिए हाट कालिका मां का आह्वान किया इसके बाद देखते-देखते डूबता जहाज पार लग गया और उसके बाद कुमाऊं रेजिमेंट ने माता कालिका के लिए भारी-भरकम घंटा भेट किया I
जिसे उन्होंने पैदल यात्रा करके माता काली के मंदिर तक लाएI आज भी वह घंटा मंदिर में रखा हुआ है और यहीं से हाट कालिका कुमाऊं रेजिमेंट की आराध्य देवी बन गई आज भी कुमाऊं रेजिमेंट की तरफ से मंदिर में नियमित तौर पर पूजा अर्चना की जाती है तो वही कुमाऊं रेजिमेंट की युद्ध घोष “कालिका माता काली की जय” हैI
हाट कालिका मंदिर के आसपास का वातावरण
हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट के आसपास काफी दुकानें हैं जिस पर माता रानी के लिए प्रसाद धूपबत्ती अगरबत्ती आदि मिल जाते हैं तथा माता की तस्वीरें मिलती हैं जिन्हें लोग अपने घर ले जाते हैं ऐसा माना जाता है कि माता की तस्वीर ले जाने मात्र से ही माता रानी आपके घर में प्रवेश कर जाती हैंI
यहां पर काले मुखोटे नजर बट्टू आदि भी मिल जाते हैं जिसे घर में लगा देने से किसी की बुरी नजर या कोई भी बुरी नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करती हैं इसलिए लोग यहां से इसे ले जाकर अपने घरों में लटका देते हैं तथा अपने घरों की रक्षा करते हैंI
हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट के आसपास होटल भी उपलब्ध है तथा खाने के लिए दुकाने इत्यादि उपलब्ध है आसपास में कपड़ों की दुकान है तथा एक बड़ा मार्केट भी है अगर आप दूर से आते हैं तो यहां पर घूमना तथा रहने की भी कोई परेशानी नहीं होगीI
हाट कालिका मंदिर में शादी
हाट कालिका मंदिर में भी शादियां होती हैं यहां यहां शादी के सात फेरे लिए जाते हैं I मान्यता है कि माता रानी का साक्षात विराजमान हैI तो माता रानी की निगरानी में लिए गए फेरे फलदाई होते हैंI पति-पत्नी में कभी लड़ाइयां झगड़े नहीं होते हैंI जिंदगी प्रेम से गुजर जाती है तथा सात जन्मों का साथ रहता हैI
हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट में शादी कराने में ज्यादा खर्चा भी नहीं आता हैI कम खर्चे में विवाह संपन्न हो जाता हैI यहां आपको कमरे भी उपलब्ध कराए जाते हैंI दूल्हा-दुल्हन दोनों को अलग-अलग कमरे दिए जाते हैंI जिसमें आपके परिवार के सदस्य तैयार हो सकेंI विवाह से पूर्ण वर और वधु दोनों का आधार कार्ड इत्यादि जमा होता हैI
यहां आपको बहुत से पंडित भी मिल जाएंगे जिनसे आप विवाह संपन्न करा सकते हैं विवाह संपन्न होने के बाद माता रानी की पूजा करनी होती है तथा उसके बाद शिवजी की पूजा करनी होती है जिससे विवाह संपन्न माना जाता है माना जाता है कि माता रानी और शिव जी ने साक्षात आशीर्वाद दिया हैI
क्या हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट के अंदर फोटो खींच सकते हैं?
जी हां आप हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट पर फोटो खींच सकते हैं वीडियो बना सकते हैंI आपको यह जरूर करना चाहिए क्योंकि मंदिर का वातावरण ही इतना साफ सुथरा रहता है कि यहां पर कोई भी बिना फोटो खींचे नहीं रह सकताI
वे लोग जो ब्लॉगिंग करते हैं उनके लिए यह एक अच्छा ऑप्शन है जिसके जरिए वे यहां की भव्यता को अपने चैनल के द्वारा दिखा सकते हैंI क्योंकि अभी तक यहां के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं आजकल सोशल मीडिया के आने के बाद हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट अधिक से अधिक लोगों के सामने आया हैI
हाट कालिका मंदिर जाने का रास्ता

हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट आने के लिए आपको सबसे पहले अगर आप उत्तराखंड से बाहर से आ रहे हैं तो यहां के लिए आपको अंतिम रेलवे स्टेशन काठगोदाम मिलता है जो कि अपने आप में ही एक बेहद खूबसूरत सा पर्यटक स्थल हैI
यह बोला जाता है कुमाऊं का सबसे स्वच्छ वह सबसे खूबसूरत रेलवे स्टेशन हैI अब आपको रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही प्राइवेट टैक्सी मिल जाएगी जो आपको सीधा मंदिर तक ले जा सकती हैंI
अगर आप टैक्सी बुक ना करके बस में जाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको मेन हाईवे में आना होगा या फिर काठगोदाम बस स्टैंड पर जाकर आप मंदिर के लिए टिकट ले सकते हैंI यहां से आपको मंदिर लगभग 187 किलोमीटर पड़ता हैI
धन्यवाद!
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