हनुमान गढ़ी मंदिर की दूरी नैनीताल शहर से 3.5 किलोमीटर की है। यह मंदिर बाबा नीम करौली के आदेश अनुसार 1950 में बना था। इसी पहाड़ी की दूसरी तरफ शीतला देवी मंदिर और लीला शाह बापू के आश्रम है। यहां पर टैक्सी ,बस उपलब्ध है। जिसकी सहायता से आप हनुमान गढ़ी मंदिर जा सकते हैं।
यहां के सूर्यास्त काफी प्रसिद्ध है इसलिए लोग यहां शाम के सूर्यास्त को देखने के लिए आते हैं। हनुमान गढ़ी मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है। यह अपनी सूर्यास्त के दृश्य के लिए काफी प्रसिद्ध है तथा यहां पर मनोकामना पूर्ण होती है। इस कारण है कि मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर है।
हनुमान गढ़ी मंदिर का दर्शन करने का समय
हनुमान गढ़ी मंदिर सातों दिन खुला रहता है। आप हफ्ते में किसी भी दिन मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं। यह सुबह 5:00 से दोपहर 12:00 बजे तक दर्शन के लिए खुलता है।
उसके बाद आराम करने का समय हो जाता है।इसके पश्चात मंदिर 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुलता है। इसके बाद मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं।
हनुमान गढ़ी मंदिर में उत्सव
वैसे तो साल में हर समय मंदिर को सजाया जाता है। मंदिर में रामनवमी और नवरात्रि के दौरान विशेष प्रकार की साथ सजाया की जाता है। यहां पर छोटे से मेले का आयोजन किया जाता है।
सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को यहां पर स्थाई लोग भगवान हनुमान के दर्शन करने आते हैं तथा यहां से भगवान का आशीर्वाद लेते हैं।
हनुमान गढ़ी मंदिर का इतिहास
हनुमान गढ़ी मंदिर समुद्र तल से लगभग 6401 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।नैनीताल के पास यह एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर तल्लीताल माॅल रोड से लगभग 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जो सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
हनुमान गढ़ी मंदिर बहुत ही पुरानी धामों से एक है। इसका अपने आप में ही पौराणिक महत्व रखता है।इसका निर्माण नीम करोली बाबा के द्वारा किया गया था।नीम करोली बाबा काफी प्रसिद्ध जाने माने संतों में से एक हैं।
नीम करोली बाबा का आश्रम कैंची धाम के नाम से प्रसिद्ध है। हनुमान गढ़ी मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है।जो आठ चिरंजीवों में से एक है। भगवान हनुमान का पूरा जीवन अपने गुरु और आदर्श भगवान राम की सेवा में ही समर्पित कर दिया था।
मंदिर में भगवान हनुमान की काफी बड़ी मूर्ति है। जिसके बारे में कहा जाता है कि क्षेत्र में स्थाई लोगों की रक्षा कर रहे हैं। मंदिर के अंदर हनुमान जी की एक और मूर्ति है।जिसमें हनुमान जी ने अपनी छाती खोल रखी है।
जिसे उनके हृदय में भगवान राम और सीता मां की छवि दिखाई देती है।हनुमान भगवान जी को मारुति के नाम से भी जाना जाता है। पवन पुत्र ,अंजनी पुत्र के नाम से भी इन्हें जाना जाता है तथा इन्हें भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है।
मंदिर के अंदर शिव और राम भगवान की मंदिर भी स्थापित है। यहां का सूर्य उदय और सूर्यास्त काफी प्रसिद्ध है। यह काफी सुंदर दृश्य दिखाई देता है। पहाड़ी के दूसरे और शीतला माता और लीला साहब बाबू का आश्रम भी स्थित है।
हनुमान गढ़ी मंदिर में आसपास घूमने की स्थान
- नैनीताल काफी प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में से एक है। तराई घाटी के शानदार दृश्य के आनंद ले सकते हैं। सूर्योदय के दृश्य के साथ-साथ सुबह की आरती का हिस्सा भी आप यहां बन सकते हैं।
- नैनी झील और मॉल रोड के पास मंदिर में सुबह-सुबह टहल सकती हैं।जो कि सिर्फ 3.5 किलोमीटर दूर है।
- 5.7 किमी दूर पर एक केव गार्डन स्थित है।यहां पर आप काफी शानदार चीज देख सकते हैं।कुमाऊं वन्य जीवन के प्राकृतिक आवास की सुंदरता को देख सकते हैं।
- 4.2 कि की दूरी पर नैनी देवी मंदिर स्थित है।आप यहां मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
- 5.4 किलोमीटर दूर स्त्रो व्यू प्वाइंट और 12.6 किलोमीटर दूर नैनी पीक कि भविष्य सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। यह सर्दियों के दौरान काफी भारी बर्फबारी होती है। जिसे आप यहां की बर्फीली एरिया को देख सकते हैं।
- नैनी झील में आप नौका विहार कर सकते हैं।यहां पर सेल्फी प्वाइंट भी स्थित है। जहां आप सुंदर-सुंदर फोटो ले सकते हैं।
हनुमान गढ़ी मंदिर प्रवेश शुल्क
हनुमान गढ़ी मंदिर में कोई भी तथा किसी भी प्रकार की प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है।
हनुमान गढ़ी मंदिर कैसे पहुंचे
हनुमान गढ़ी मंदिर तल्लीताल मॉल रोड के सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। मंदिर इस जगह से केवल 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप मंदिर पैदल भी जा सकते हैं या फिर आप यहां से ऑटो रिक्शा, टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
वायु मार्ग
यदि आप हवाई जहाज के जरिए इस मंदिर में आना चाहते हैं। तो आपको सबसे निकट हवाई अड्डा पंतनगर में उतरना होगा। जो कि इस मंदिर से 67 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस हवाई अड्डे के बाद आपको टैक्सी या बस किराए पर लेनी होगी। यहां से हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंचा देगी।
रेल यात्रा
यदि आप ट्रेन की सहायता से हनुमानगढ़ी मंदिर आना चाहते हैं। तो आपको निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम में उतरना होगा।यहां से मंदिर लगभग 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से आपको मॉल रोड या हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंचने के लिए टैक्सी ,कैब या बस करनी होगी।
सड़क मार्ग
अगर आप सड़क के जरिए मंदिर तक आना चाहते हैं। तो सबसे पास जो बस स्टैंड है। वह तल्लीताल है। यहां से मंदिर केवल 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तल्लीताल बस स्टैंड से आप ई-रिक्शा या टैक्सी ले सकते हैं ।जो आपको मंदिर तक छोड़ देगा ।आप पैदल भी आ सकते हैं।
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