मां सूर्या देवी मंदिर राष्ट्र राजमार्ग से 5 किलोमीटर उत्तराखंड के जंगलों के बीच में नदी के किनारे एक पेड़ की जड़ में स्थित है। यह रहस्यमय चमत्कारी माता का मंदिर है ऐसा माना जाता है की यहां देवी का वास है।
मां सूर्या देवी मंदिर की स्थापना
मां सूर्या देवी मंदिर बाढ़ आने पर पूरी तरह से डूब तो जाता है। लेकिन पानी कम होने पर ज्यों का त्यों रहता है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि औरंगज़ेब के समय राजस्थान से कुछ लोग औरंगज़ेब की तानाशाही के कारण औरंगज़ेब से बचने के लिए अपनी कुल देवी की ज्योति जला कर पहाड़ो के तरफ आए तो
जब वो चोरगलिया में एक पेड़ के नीचे पहुंचे तो वह वो ज्योति बुझ गई। तो उन लोगो ने उस देवी को वहा पर ही स्थापित कर दिया और मन्नत मांगी की हमारा सब कुछ ठीक हो गया तो हम वहा पर आयेंगे और पूजा अर्चना करेंगे और वो वहा से चले गए।
मां सूर्या देवी मंदिर आस्था का केंद्र
इस मंदिर में कोई भी भक्त अपनी मुराद ले कर जाता है तो मां उसकी मुराद को जरूर पूरा करती है। घने जंगलों के बीच होने के कारण भी माता के मंदिर में बहुत स्रधालु आते है। देखा गया है की मंगलवार को और शनिवार को ज्यादा भक्त आते है।
यह से भक्तो द्वारा मांगी गई माता से मुराद पूरी होने पर भक्त माता को बकरे की बलि भी देते है। आस पास से ग्रामीण क्षेत्र के लोग पूरे गांव वाले एक साथ आ कर मां सूर्य देवी की पूजा करते है। ऐसा माना जाता है की कभी कभी शेर भी माता के मंदिर में आते है और गरजते है।
लेकिन किसी को नुकसान नही पहुंचते है माता के मंदिर के जो सेवक थे अब उनकी मृत्यु हो गई है। लेकिन जब तक वो जिंदा थे उसके आश्रम में रोज रात को शेर आते थे ।
मां सूर्य देवी मंदिर कैसे पहुंचे
हल्द्वानी से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी मे गोला पार करके चोरगलिया नाम की जगह में स्थित है। मां सूर्य देवी का मंदिर राष्ट्र राजमार्ग से 5 किलोमीटर जंगल के अंदर जा कर नदी के किनारे विराजमान है माता।
मां सूर्य देवी मंदिर Location
यदि आप भारत से हैं तो आपको देवभूमि उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों में अवश्य जाना चाहिए यहां पर सूर्या देवी मंदिर एक ऐसा मंदिर हैIजो बिल्कुल जंगलों के बीच है यहां आकर आपको ऐसा प्रतीत होगा जैसे आप प्रकृति की गोद में बैठे हुए हैं यहां पर बहने वाली नदी में अब सुंदर-सुंदर रंग बिरंगी मछलियां देख सकते हैंI
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