पहाड़ों में झंगोरे की खीर को बहुत पसंद किया जाता हैI पहाड़ों में झंगोरा को काफी बड़ी मात्रा में उगाया जाता है। यह स्थाई स्तर पर उगने जाने वाला अनाज है। जो कि चावल की तरह होता है। जिसे भात के रूप में प्रयोग किया जाता है।
झंगोरे की खीर बनाने की विधि:
पहाड़ों में चावलों को भात का नाम दिया जाता है।जो की देखने में थोड़े मोटे होते हैं। लगभग खिचड़ी के चावलों जैसे इनका आकार होता है। उससे भी थोड़े मोटे होते हैं। कहीं पर यह गुलाबी रंग के ,तो कहीं पर बैगनी रंग के होते हैं। इसकी खीर बेहद ही स्वादिष्ट होती है।

जिस प्रकार कढ़ाई की खीर, कुकर की खीर और हांडी की खीर में अंतर होता है, उसी प्रकार झंगोरा की खीर भी अलग-अलग तरीके से पकाने में अलग-अलग स्वाद होता है।अगर आप इसे चूल्हे में हांडी में पकाए। तो इसका स्वाद अलग ही होता है। जो की बेहद ही स्वादिष्ट होता है।इसे अलग-अलग जगह पर ‘साॅंवा’ के नाम से भी जानते हैं। झंगोरा की खीर भी चावल की तरह ही बनाई जाती है।
इसे बनाने के लिए झंगोरा ,चीनी, दूध ,काजू ,छोटी इलायची, चिरौंजी, किसमिस तथा बादाम की गिरी जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है।

दूध को एक भारी पतीले में उबले। इसमें झंगोरा डालकर पकाये। इसे जब तक घूमते रहे। जब तक चावल पक ना जाए और यह ध्यान दें कि ताली में यह चावल चुपके ना। इसे चलाते रहे। उसके बाद इसमें चीनी डाल दें कुछ देर तक पकाएं इसके बाद इसमें सभी सामग्री को मिक्स करके खूब देर तक घूमे तथा जब यह हाथ लगाने पर चिपचिपाहट हो जाए तो इसे निकालने । इसके बाद इसमें सुखे मेवे डाल दे। ।झंगोरा की खीर तैयार है।

यह खीर इतनी ज्यादा प्रसिद्ध है कि लोग उंगली चाटते रह जाते हैं। पहाड़ों में कोई भी त्यौहार या कोई भी खुशी का माहौल हो तो झगड़ा की खीर बनाई जाती है। लोग यहां चावल की खीर कम बनाते हैं। यहां पर झंगोरा की खीर ही स्वादिष्ट मानी जाती है। प्लेंनस के आए लोगों को भी यहां की खीर बहुत ही स्वादिष्ट लगती है। यहां के हवा पानी में लगी स्वाद है।जो इस खीर के स्वादिष्टता में चार चांद लगा देते हैं। झंगोरा को पहाड़ी चावलों के नाम से भी जाना जाता है। ज्यादातर लोग इस बात कह कर पुकारते हैं।
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