Marua ka Atta ki Roti Ke Benefits

Marua ka Atta ki Roti हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छी होती है मंडावा स्थाई रूप से उगाया जाने वाला पहाड़ी अनाज है। पहाड़ों में इसकी खेती पहले समय में गेहूं से भी ज्यादा की जाती थी। आज भी लोग मंड़ुवा की रोटी बनाते हैंI वहां पर ज्यादातर Marua ka Atta ki Roti ही खाया जाता है। जिसे काफी ज्यादा उगाया जाता है‌

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Madua ki Roti | Marua ka Atta

आज के समय पर गेहूं का उत्पादन ज्यादा कर दिया गया है। मंड़ुवा का कम लेकिन जो स्वाद Madua ki Roti पर है। वह स्वाद किसी में भी नहीं है । मांडवे को कोदो भी कहा जाता है। यह मोटा और गर्म अनाज होता है। इसकी रोटी को गरम-गरम खाने से गले में हुई कोई बीमारी खांसी, जुकाम आदि भी सही हो जाते हैं।

मंड़ुवा बहुत ही उपयोगी और दवा का काम भी करता है।मंड़ुवा से अलग-अलग प्रकार की चीज भी बनाई जाती है। यदि आप अपना उत्तराखंड का कोई भी टूर बुक करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करके बुक कर सकते हैंI

Marua ka Atta ki Roti
Marua ka Atta ki Roti

जो कि हमारी सेहत के लिए बेहद ही अच्छी होती है।खासकर हमारे गले और पेट के लिए हम इसका उपयोग आपको दूसरे आर्टिकल में देंगे।अभी हम आपको मंड़ुवा की रोटी के बारे में बताएंगे। मंड़ुवा की रोटी बनाने के लिए मांडवे का आटा, गेहूं का आटा, पानी की जरूरत होती है।

दोनों प्रकार के आटे को आपको अच्छे से गुथना है अर्थात दोनों को एक साथ मिलकर अच्छे से गुथना है। Arbi ke Patte ki Sabji: पैत्यूड़/पतोड़ जिसमें मंड़ुवा का आटा ज्यादा और गेहूं का आटा कम होना चाहिए। गुथने के बाद इसके गोल-गोल गोलियां बनाए। चपाती की शक्ल में इसे बेले, धीमी आंच पर दोनों ओर से पकाएं।

अगर आप बिना गेहूं के आटे को मिलाकर बनाना चाहते हैं। तो आप बिना गेहूं के आटे से बनाकर भी बना सकते हैं। लेकिन ऐसे में रोटी को गोल आकार देना मुश्किल होता है। इसके लिए आप दो-तीन तरीके से इसे बेल सकते हैं‌ । तो केले के पेत्ते में बेले, आप हाथों में बेल सकते हैं और तीसरा उपयोग आसान है।

Marua ka Atta ki Roti
Marua ka Atta ki Roti

इसे आप किसी पन्नी को गोल आकार काट कर । उसके अंदर थोड़ा घी या तेल लगाकर‌।इस अच्छे से बेल सकते हैं। अगर आप दोनों को मिक्स करके बनाते हैं। मड़वे का आटा और गेहूं को आटा तो आप जानेंगे। इसे अलग-अलग जगह में अलग-अलग नाम दिया जाता है।अगर दोनों आटो को मिक्स करके रोटी बनाई जाती है‌ तो इसे  “ढवाड़ी” रोटी कहां जाता है। जिसे लहसुन के पत्ते की चटनी के साथ या भांग की चटनी के साथ खाया जाता है।

Marua ka Atta ki Roti
Marua ka Atta ki Roti

इसी के अंदर ठग रोटी भी होती है। जो मड़वे के आटे की रोटी बनाते समय उसमें बाहर से गेहूं के आते की परत चढ़कर जो रोटी बनाते हैं।उसे ठग रोटी कहा जाता है क्योंकि वह मांडवे की रोटी काले रंग की होती है।

उसमें गेहूं की रोटी की परत लगाकर उसे सर थोड़ा सफेद बना दिया जाता है। जिसे ठग रोटी कहा जाता है। ठग मतलब होता है किसी को पागल बना देना इसीलिए उसका नाम ठग रोटी कहा जाता है।

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