अरबी के पत्तो की सब्जी बेहद ही प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक है। जो कि आज उत्तराखंड में ही नहीं पूरे देश भर में काफी प्रसिद्ध है। जिस प्रकार मोमोज, गोलगप्पे, टिक्की आदि के लोग रेस्टोरेंट खोलते हैं या ठेले लगते हैं। उसी प्रकार आजकल के लोग पैत्यूड़/पतोड़ बनाने वाले होटल या ठेले लगाते हैं। जो की काफी प्रसिद्ध और स्वादिष्ट होते हैं।
अरबी के पत्तो की सब्जी
यह बेहद ही मेहनत से बनाए जाते हैं तथा इसे बनाने के लिए आपको अच्छा टाइम चाहिए। इसे अलग-अलग जगह पर अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो यह एक उत्तरांचल का ही प्रसिद्ध व्यंजन हैI
लेकिन आजकल सब जगह यह आसानी से बनाए जाते हैं।बहुत जगह लोग इसे अरबी के पत्तों की पकौड़ी के नाम से भी जानते हैं लेकिन पहाड़ों में यह (पिण्डालू )जो की अरबी की तरह देखने में होता है लेकिन वह बहुत बड़ा होता है।

उसके पत्तों से बनाई जाती हैं और जगह लोग अरबी के पत्तों से भी इसको बनाते हैं लेकिन जो स्वाद यह पिण्डलू के पत्तों से आता है।वह स्वाद शायद ही अरबियों के पत्ते से आए। इसे उत्तरांचल में बड़ी अरबी का नाम भी दिया जाता है।
क्योंकि इसका स्वाद अरबी के जैसे ही होता है और पेत्ते भी अरबी के जैसे ही होते हैं। एक तरीके से कहा जाए तो उसे अरबी का बड़ा भाई भी कह सकते हैं।
इसे बनाने के लिए जो सामग्री चाहिए वह है पिण्डालू (अरबी के पत्ते) बेसन,हल्दी ,अजवाइन, खाने का सोडा, हरी मिर्च,हरा धनिया ,रिफाइंड या तेल, धनिया पाउडर,सब्जी मसाला ,चाट मसाला।अगर आप पकोड़ियां कुरकुरी चाहते हैं।
तो आप थोड़ा चावल का आटा, हल्की सूजी, थोड़ा मक्के का आटा, थोड़ा मैदा एक-एक चम्मच ले सकते हैं।पैत्यूड़/पतोड़ बनाने के लिए सबसे पहले पिण्डालू के पत्तों के रेशे अलग करके उसे अच्छे से धोने चाहिए।उसे सुखा दे। सुखाने का अर्थ पानी को पोंछ दे ।

इसके बाद एक कटोरी में बेसन में नमक, मिर्च, हल्दी ,धनिया सभी चीजों को अच्छे से मिक्स कर ले और इसका घोल तैयार करें। घोल ज्यादा गिला नहीं होना चाहिए। घोल इस प्रकार होना चाहिए कि वह पत्तों पर आराम से फैलाया जा सके।
अब पिण्डालू का एक पत्ता लेकर उसमें पूरी में बेसन को लगे इसके बाद दूसरा पत्ता उसके ऊपर रखें फिर उसे पर बेसन को लगाये।फिर एक और पता रखें, फिर उसमें बेसन को लगे।
इस प्रकार तीन से चार पत्ते लगाकर इसको रोल बनाकर चारों तरफ से बंद करके एक थाली में रखते जाएं। इसके बाद कढ़ाई में तेल गर्म कर पैत्यूड़/पतोड़ को जब तक पकाए जब तक भूरा हो जाए फिर निकलना ले। इसे आप सॉस , चटनी या सोयाबीन की चटनी के साथ खा सकते हैं।
वहीं इसके आगे की एक और रेसिपी है। जो और भी इस स्वादिष्ट बनता है ।बेसन लगाने के बाद जब आप पैत्यूड़/पतोड़ तैयार करके एक प्लेट में रखें। इसके बाद जिस प्रकार मोमोज को स्टीम दिया जाता है।

इन पैत्यूड़/पतोड़ को भी स्टीम देकर अलग रखते जाएं।जब पैत्यूड़/पतोड़ ठंडा होने के बाद इसे स्प्रिंग रोल की तरह पतला-पतला काट ले। इसके बाद आप इसे कड़ाई में फ्राई करने जो की बहुत ही क्रिस्पी और स्वादिष्ट बनते हैं।यह विधि मोमोज बनाने की तरह है। जिस प्रकार मोम को भाप दिया जाता है उसके बाद तला जाता है।
उसी प्रकार पैत्यूड़/पतोड़ को भी भाप दिया जाता है और तला जाता है। अगर आपके पास भाप देने के लिए स्ट्रीमर नहीं है। तो आप एक भागोने में पानी गर्म करके उसके ऊपर छानी रखकर उसमें पैत्यूड़/पतोड़ रखकर भाप दे सकते हैं।
FAQs
अरबी के पत्ते खाने से क्या फायदे हैं?
Arbi ke Patte ki Sabji खाने में तो स्वादिष्ट होती ही है इसके अलावा इससे होने वाले फायदे और लाजवाब हैI हमारी हेल्थ के लिए यह बोर्ड लाभकारी होता है जैसे कि यह आयरन की कमी को पूरा करता है डायबिटीज पेशेंट के लिए अच्छा होता है इसके अलावा भी एसिडिटी को काम करता हैI
अरबी के पत्ते में कौन सा विटामिन होता है?
अरबी के पत्तों में विटामिन ए और विटामिन सी की मात्रा भरपूर होती है जो हमारी हेल्थ के लिए अच्छा है
क्या अरबी के पत्तों में खुजली होती है?
अरबी के पत्तों में कैल्शियम ऑक्सलेट की मात्रा होने से यह गले में खुजली पैदा करता है इसलिए इसे अच्छे से पका कर ही खाएं
क्या मैं रोज अरबी खा सकती हूं?
हां रोज अरबी खा सकते हैं यह हमारे शरीर में वजन को बढ़ाने से भी रोकता है