हेमकुंड साहिब सिखों का तीर्थ सबसे कठिन तिथि यात्रा भी कहा जाता है क्योंकि यह करीब 15200 फीट की ऊंचाई ग्लेशियर पर स्थित है। भक्त पूरी श्रद्धा पूर्वक जाते हैं। हिमालय की वादियों में स्थित यह गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब सिखों के लिए सबसे पवित्र स्थान में से एक है।
हेमकुंड साहिब: प्रकृति का अनोखा सौंदर्य
भारत उत्तराखंड में चमोली नामक जिले में हेमकुंड साहिब बना हुआ है। जो कि सिख्खो का तीर्थ माना जाता है। पूरे भारत में सिख धर्म के लोगों का एक बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध तीर्थ स्थान माना जाता है।
यह हेमकुंड हिमालय के अंदर 4632 मीटर यानी 15200 फुट की बड़ी ऊंचाई पर बनी बर्फीली झील के किनारे सात बड़ी चट्टानों वाली पहाड़ियों के बीच बना हुआ है। कहा जाता है कि इन सात पहाड़ियों के निशान साबित झूले हैं।

यहां पर आपको चढ़ाई करने के लिए अपने पैरों की सहायता लेनी पड़ती है। क्योंकि यहां पर कोई भी व्हीकल नहीं चला पता है। यहां पर काफी भीड़ पड़ती है। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में पर्यटक भारत के अलावा दूसरे देशों से भी घूमने आते हैं। यहां गुरुद्वारा हेमकुंड विभिन्न प्रकार के लाइटों से सुशोभित किया जाता है। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा का वर्णन सिख धर्म के दसवीं ग्रंथ में किया गया है।
हेमकुंड साहिब का इतिहास
यहां का उल्लेख श्री गोविंद सिंह जी द्वारा लिखित दशम ग्रंथ में भी आता है।यहां जो लोग दशम ग्रंथ में अपने श्रद्धा रखते हैं।वह लोग पूरे विश्वास के साथ गुरुद्वारे में हर साल माता देखने आता है।
प्राचीन समय में हेमकुंड साहिब में एक मंदिर बना हुआ करता था।जिसका निर्माण भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण जी ने कराया था। इसके बाद सिख धर्म के दसवीं गुरु जी ने गोविंद सिंह जी ने इस मंदिर को कुछ साल पूजा अर्चना में तपस्या की थी।
बाद में इस प्राचीन मंदिर को एक गुरुद्वारे के रूप में प्रतिस्थापित कर दिया गया है। जिसके अंदर बर्फ की ऊंची चोटियों का प्रतिनिधि दिखाई पड़ता है। जिसे देखकर दिल सुकून मिल जाता है।यहां का दृश्य बहुत ही सुंदर और बिल्कुल लुभाने वाला होता है।
इस झील में हाथी पर्वत और सप्त ऋषि पर्वत का बर्फी पहाड़ियों से पानी आता है। जो इसको बहुत ही सुंदर और लाजवाब बनता है।इसके साथ-साथ छोटी जलधाराएं भी इस झील से निकलते हैं।

इस जलधारा को हम गंगा के नाम से भी जाना जाता है। इस झील के किनारे भगवान राम के अनुज श्री लक्ष्मण जी का मंदिर भी बना हुआ है। जो हेमकुंड साहब पर घूमने आते हैं। वह लोग इस मंदिर में जरूर ही घूमने जाते हैं। पहाड़ियों की ऊंचाई बड़ी होने के कारण 7 से 8 महीने तक झील के अंदर बर्फ जम जाती है।श्री हेमकुंड साहिब जी के इस स्थान को बहुत ही पवित्र ,सामान्य ,आस्था का प्रतीक माना जाता है।
इसकी सुंदरता मनमोहन लेती है। हेमकुंड एक संस्कृत नाम है। जो दो शब्दों हम अर्थात बर्फ और कुंड अर्थात कटोरा को मिलकर बना है।गुरु गोविंद सिंह द्वारा रचित दशम ग्रंथ के अनुसार यह वह जगह है। जहां पांडू राजा अभ्यास योग करते थे। इसके अलावा यह कहा गया है कि जब पांडू हेमकुंड पहाड़ पर गहरे अध्ययन में थे। तो भगवान ने उन्हें सिख गुरु गोविंद सिंह के रूप में यहां पर जन्म लेने का आदेश दिया था।
हेमकुंड की खोज के पीछे भी एक बहुत ही रोचक कहानी है।कहा जाता है कि हेमकुंड साहिब के बारे में यह जगह दो से अधिक सदियों तक गुमनामी में रही।गुरु गोविंद सिंह जी ने आत्मकथा विचित्र नाटक में इस जगह के बारे में बताया।तब यह अस्तित्व में आई। पंडित तारा सिंह नरोत्तम हेमकुंड की भौगोलिक स्थिति का पता लगाने के लिए पहले सिक्ख थे। वह अच्छा तीर्थ संग्रह में उन्होंने इसका वर्णन 508 सिख धार्मिक स्थलों में से एक के रूप में किया है।

इसके बाद प्रसिद्ध सिख विद्वान भाई वीर सिंह ने हेमकुंड के विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की।स्थान का वर्णन रामायण में भी मिलता है। यहां पर लक्ष्मण जी ने ध्यान पर बैठे थे। इसलिए लक्ष्मण जी का एक यहां मंदिर भी मौजूद है। हिंदुत्व पौराणिक श मान्यता के अनुसार लक्ष्मण जी का पूर्ण अवतार शेषनाग थे। माना जाता है कि शेषनाग लोकपाल झील में तपस्या करते थे और भगवान विष्णु उनकी पीठ पर आराम करते थे।
वहीं दूसरे स्थान मान्यता के अनुसार मेघनाथ के साथ युद्ध से घायल होने पर लक्ष्मण को लोकपाल झील के किनारे लाया गया था। यहां हनुमान जी ने उन्हें संजीवनी बूटी दी थी और वह ठीक हो गए इसके बाद देवताओं के आसमान से फूल बरसाए। जिसके बाद यहां फूलों की घाटी बनी इसीलिए इस जगह को फूलों की घाटी के नाम से भी जाना जाता है।
FAQs:
हेमकुंड साहिब जाने का सही समय क्या है?
सितंबर अक्टूबर का समय हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए सबसे सुरक्षित हैI
हेमकुंड साहिब में मोबाइल नेटवर्क है?
हेमकुंड साहिब में बीएसएनएल का नेटवर्क पकड़ता है इसके साथ साथ आइडिया और जिओ ने भी यहां पर काफी अच्छा काम किया हैI
हेमकुंड साहिब कितना ठंडा है?
हेमकुंड साहिब में तापमान -12 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता हैI