भवाली उत्तराखंड में काफी सुंदर जगह में से एक है। यहां का शांत वातावरण और सुंदर जगह होने के कारण भवाली काफी शानदार जगह में से एक है। इस जगह को फलो की मंडी भी कहा जाता है। जो की काफी प्रसिद्ध है। यह एक ऐसा केंद्र है। जहां पर काठगोदाम, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा ,रानीखेत, भीमताल ,रामगढ़ ,मुक्तेश्वर आदि स्थानों के अलग-अलग मोटर मार्ग जाता है।
भवाली एक खूबसूरत हिल स्टेशन
यह जगह अपने प्राचीन टी.वी सेनेटोरियम के लिए काफी विख्यात है।यह जगह की स्थापना 1912 में हुई थी। यहां पर चीड़ के पेड़ काफी मात्रा में पाए जाते हैं। चीड़ के पेड़ों की हवा टीवी के रोगों के लिए बेहद ही लाभदायक बताई जाती है।
इसलिए यहां के अस्पताल चीड़ के वन के माध्य में स्थित है। प्रसिद्ध श्रीमती कमला नेहरू का इलाज भी इस अस्पताल में हुआ था। भवानी जगह चीड़ और बांस के लिए काफी प्रसिद्ध जगह है।
यहां पर चीड़ और बांस के वृक्ष वन और पहाड़ियों के तलहटी में १६८० मीटर की ऊंचाई में बसा हुआ है।यहां की जलवायु अत्यधिक शुद्ध बताई जाती है।यहां पर ऊंचे पहाड़ तथा सीढ़ीनूमा खेत भी आपको देखने को मिलेंगे।
यहां पर सपेरे आकार की सड़के तथा चारों ओर हरियाली देखने को मिलेगी। यहां पर बुरास के पेड़ काफी मात्रा में पाए जाते हैं।चीड़ के वृक्ष का हर घर में डेरा है।यहां पर पर्वतीय अंचल में मिलने वाले फलों की मंडी भी है।
भवानी के पास के पर्यटन स्थल
भावाली चाहे छोटा क्यों ना हो लेकिन यह बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान में से एक है। यहां पर आपको देखने के लिए काफी ऐतिहासिक स्थान मिल जाएंगे। जिनका अपने आप में ही अलग महत्व है।
यहां कुमाऊं के प्रसिद्ध गोलू देवता का प्राचीन मंदिर भी इसी जगह पर स्थित है। घोड़ाखाल जो की काफी प्रसिद्ध सैनिक स्कूल है। वह भी इसी शहर में स्थित है।” शेर का डाण्डा” और” रहेड़ का डाण्डा” भी भवाली में ही स्थित है।
सेनेटोरियम में प्राचीन महादेव मंदिर भी इसी जगह पर स्थित है। जो की लड़ियांकांटा की पहाड़ियों की स्थित है।
इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर लकड़ी के शिवलिंग प्राचीन समय से स्थापित है। जो अभी भी अपने पूर्ण की स्थिति में ही है।
पूरे नैनीताल जिले में एक मात्र ऐसा शिव मंदिर है। जहां पर 18 फीट लंबा त्रिशूल स्थापित है। नौकुचिया ताल ,मुक्तेश्वर ,रामगढ़, भीमताल, अल्मोड़ा, रानीखेत आदि स्थानों से जाने के लिए भी काठगोदाम में आने वाले पर्यटकों की काफी ज्यादा भीड़ यहां देखने को मिलती है।
भावली का भौगोलिक तरह से देखे जाने पर इसे प्राकृतिक सुषमा भी कहा जाता है।इसलिए इसे शांत और प्राकृतिक की सुंदर नगरी के रूप में भी देखा जाता है। जहां पर सैकड़ो हजारों लोग प्राकृति प्रेमी भी प्रतिवर्ष यहां आते हैं।
भवानी नैनीताल से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नैनीताल आए हुए पर्यटक भावली को और अवश्य आते हैं। यहां पर कुछ पर्यटक कैंची धाम के मंदिर तक जाते हैं। इसके बाद कुछ पर्यटक नानतिन बाबा के आश्रम में भी जाते हैं।
भवाली समुद्र जल से लगभग 1706 मीटर की ऊंचाई में स्थित है।यह स्थान नैनीताल की सबसे नजदीक माना जाता है। पहाड़ी फलों के लिए काफी मशहूर है। भवानी की पहचान यहां पर स्थित टीवी सेनेटोरियम से भी होती है। यह अस्पताल सन 1912 में खुला था।
भवाली हिल स्टेशन उत्तराखंड राज्य के नैनीताल के सबसे निकटतम स्थान में से एक है। यहां पर पर्यटकों का बोल वाला रहता है। यह काफी सुंदर जगह में से एक है। भवाली ऊंची पहाड़ियों के साथ-साथ एक सुंदर दृश्य को भी दर्शाता है।
यह जगह फलों की मंडी के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां पर बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट फल भी मिलते हैं। जिसमें आलू बुखारा ,आडू, स्ट्रॉबेरी और खुबानी फलों के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ झरनों, झीलें, बागन, खेतों और चाय संपदा के लिए भी जाना जाता है।
यहां पर बहुत सारी आकर्षित करने वाली जगह भी है। जहां पर लोग घूमना पसंद करते हैं। यहां भारी संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां आप घूमने के लिए बहुत स्थान में जा सकते हैं। जैसे:-
कैंची धाम
कैंची धाम भवानी का सबसे प्रसिद्ध और आकर्षित करने वाली जगह है। जहां पर पर्यटकों का बोला बाला रहता है। यह एक बेहद ही ज्यादा लोग प्रिय जगह है। जो की नीम करोली महाराज के मंदिर और आश्रम के लिए जाना जाता है।
माना जाता है कि जो भी भक्ति अपने सच्चे मन से कोई मनोकामना लेकर इस मंदिर पर आता है। उसको नीम करोली बाबा दिशा दिखाते हैं। यह मंदिर भारत में ही नहीं यह विदेश में भी काफी प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
जो कि विदेशियों का भी आकर्षक अपनी तरफ खींचता है। यह भवाली से लगभग 17 किलो की मीटर की दूरी पर स्थित है। जो की नैनीताल हिल स्टेशन है। जहां पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं।
श्याम खेत टी गार्डन
भवानी में देखने लायक जगह श्याम खेत की टी गार्डन है।जो की बेहद आकर्षित है। जहां पर चाय पत्ती या चाय पीने की शौकीन हो उनके लिए बेहद ही शानदार है यह गोलू देवता के मंदिर के निकट शाम खेत टी गार्डन है। जो कि चाय के साथ-साथ चाय की पत्तियों के भी निर्यात करता है।
श्याम खेत नानतिन बाबा आश्रम
श्याम खेत में नानतिन बाबा का मंदिर तथा आश्रम बेहद ही प्रसिद्ध है। यहां पर लोग दूर-दूर से आते हैं। विदेशी लोगों भी यहां आते हैं तथा कई विदेशी नौकरी छोड़कर अपनी पूरी जिंदगी बाबा के आश्रम में गुजार देते है।यहां लोग महाराज जी के पास आकर अपनी परेशानियों का समाधान ढूंढते हैं।
कहा जाता है कि महाराज जी यहां पर घुसा मार कर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। पर्ची निकालकर लोगों को सही रास्ता दिखाते हैं।महाराज जी का यह मंदिर श्यामखेत टी गार्डन के पास ही स्थित है। जो की बेहद ही शानदार जगह है।
रामगढ़
पर्यटन के घूमने के लिए रामगढ़ काफी शानदार जगह में से एक है। जो की प्राकृतिक की सुंदरता को दर्शाता है तथा यहां के मनोरम दृश्य आपका मन मोह लेंगे। उत्तराखंड राज्य के नैनीताल में स्थित रामगढ़ समुद्र तल से लगभग 1789 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
यह जगह बर्फ से ढकी हुई रहती है। आलू बुखारा, आड़ू और खुमानी की वजह से रामगढ़ काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। कुमाऊं का फल का कटोरा के नाम से भी इस जगह को जाना जाता है।
भीमताल
भवाली पर्यटक आने वाले भीमताल जरूर जाते हैं क्योंकि यह एक आकर्षण का केंद्रीय है। यह भवानी से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भीमताल में झील ,झरने ,बुरांस, देवदार के पेड़ तथा चीड़ के घने जंगल काफी प्रसिद्ध हैं। यहां पर आप वोटिंग ,नेचर वॉक, पेंडल वोटिंग आदि कर सकते हैं। जो की काफी प्रसिद्ध है।
सत्तल पर्यटन उत्तराखंड
भवानी में पिकनिक मनाने के लिए यह जगह काफी शानदार है। यहां पर ताजा पानी की सात झीले हैं। जो कि लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। इन झीलों को पन्ना ,राम ,सीता, लक्ष्मण, भरत, नलद्यमंती ताल और सुक्खा ताल से जाना जाता है।
नैनीताल
भवाली में सबसे खूबसूरत जगह में से एक है। जो की आकर्षण का केंद्र नैनीताल स्टेशन उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र का पर्वतमाला के स्थल रूप में भी जाना जाता है। यहां पर नैनी झील है।जो की काफी शानदार है।
इसको आकर्षित शहर अंग्रेजों के द्वारा कुंभियां झील की तुलना के अनुसार नैनी झील का नाम दिया गया। यह लोगों के आकर्षण का केंद्रीय है।,यहां पर तिब्बती मार्केट रोपवे की सवारी,स्थाई व्यंजन, माल रोड,व्यू प्वाइंट ,नौका विहार झिले आदि का अनुभव अलग-अलग तरीके से आप कर सकते हैं।
श्री औरबिंदो आश्रम
अरबिंदो आश्रम में आप आराम कर सकते हैं। यहां पर आराम करने ,योग करने तथा आत्मा को एक बार फिर से तरो ताजा करने के लिए एक शानदार जगह में से एक है।श्री अरविंद आश्रम घने जंगलों के बीच शांति और प्राकृतिक माहौल प्रदान करती है।
गोलू देवता मंदिर
भवाली के दर्शन स्थान में से एक गोलू देवता मंदिर भी है। जो कि भक्तों को लिए आकर्षित का केंद्रीय है। यह मंदिर भगवान शिव के एक रूप गोलू देवता को समर्पित है।गोलू देवता चितई मंदिर का निर्माण चंद्र राजा द्वारा कराया गया था।
मंदिर का प्रमुख आकर्षित यहां की घंटियां है। यहां पर मन्नत पूरी होने पर लोग घंटी बांधते हैं ।आज के टाइम पर यहां एक लाख से अधिक मंदिर में घंटियां बंधी हुई देखी जाती है।
रानीखेत
भवाली हिल स्टेशन के द्वारा आप रानीखेत की यात्रा भी कर सकते हैं। जिसे पहाड़ की रानी भी कहा जाता है क्योंकि रानीखेत काफी सुंदर आकर्षित है।
फोल्क कल्चर संग्रहालय
फोल्क कल्चर संग्रहालय भीमताल में स्थित है।यह लोक संस्कृति संग्रहालय के रूप में भी जाना जाता है। इसकी स्थापना यशोधर मठपाल द्वारा की गई थी इसकी स्थापना 1983 में की गई है।यह संग्रहालय प्राचीन फोटो तस्वीर संग्रहालय के लिए बनाया गया जो की काफी सुंदर है।
भवाली हिल स्टेशन में बाजार
भवाली में खरीदने लायक बहुत ही ज्यादा शानदार चीज आपको देखने को मिलेगी। भवाली का बाजार किसी स्वर्ग से काम नहीं है। भवाली के बाजार में स्वादिष्ट फल खुमानी, आलू बुखारा, स्ट्रॉबेरी की भरमार होती है।
इसके अलावा आप यहां पर आचार , मिठाई और फ्रूट का जेम इत्यादि खरीद सकते हैं। जो की काफी स्वादिष्ट होते हैं। इसके साथ-साथ आप यहां पर अलग-अलग प्रकार के जूस भी ले सकते हैं ।जिसमें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध बुरास का जूस, मालटा का जूस तथा किवी के जूस है।
यहां पर आप घर की सजावट के लिए चीड़ के फूल से बने अलग-अलग प्रकार के डिजाइनर शोपीस ले सकते हैं। जो की काफी सुंदर होते हैं। यहां पर आपको पहाड़ी ज्वेलरी भी आसानी से मिल जाएगी। जो की काफी प्रसिद्ध है।
भवानी में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
वैसे तो भवानी में आप कभी भी घूम सकते हैं लेकिन जो सबसे अच्छा समय माना जाता है।वह फरवरी से अप्रैल और सितंबर से अक्टूबर के बीच का माना जाता है। इस दौरान यहां पर ना तो मौसम गर्म होता है ना ही ठंडा। आप बिना किसी परेशानी के यहां के मौसम का लुफ्त उठा सकते हैं।
भवानी हिल स्टेशन का प्रसिद्ध भोजन
भवाली के खूबसूरत वीदियो में प्रसिद्ध खाना भी है।जो की काफी प्रसिद्ध है और लाजवाब है। आप उंगलियां चाटते रह जाएंगे। यहां ढाबा या होटल के लिए जाना जाता है।
जो की लजीज भजन पेश करते हैं। आप यहां के प्रसिद्ध भोजन रस इसके अलावा भट्टी की चिड़कानी ,आलू के गुटके ,अरसा एक स्वीट डिश, गुलगुला एक स्वीट भी है जो भवाली और नैनीताल में काफी प्रसिद्ध है।
भवानी मैं कहां रुके।
अगर आप सबसे ज्यादा सस्ता जुगाड़ देखना चाहते हैं।तो आप किसी भी आश्रम में रह सकते हैं। सबसे अच्छा आश्रम में नानतिन बाबा का आश्रम है। जहां पर आप भक्ति में भी रह जाएंगे और वहां आप आराम से रह भी सकते हैं।
वहां कोई भी पैसा किसी प्रकार का नहीं लिया जाता है। वहां पर खाना भी आपको मुफ्त में दिया जाता है। आप अपनी श्रद्धा अनुसार वहां पर भेट चढ़ा सकते हैं।महाराज जी के पास।
इसके अलावा अगर आप होटल में रखना चाहते हैं तो आप रुक सकते हैं।
- विस्टा बैकपैकर्स हॉस्टल (Vista Backpackers Hostel)
- मैगपाई रिट्रीट (Magpie Retreat)
- होटल अवलोकन (Hotel Avlokan)
- द पाइन क्रेस्ट (The Pine Crest)
- ए हम्बल ड्वेलिंग इन भवाली (A Humble Dwelling IIn Bhowali)
भवानी कैसे पहुंचे
वायु मार्ग के द्वारा
पंतनगर एयरपोर्ट सबसे नजदीक एयरपोर्ट है। आप दिल्ली से पंतनगर आ सकते हैं। यहां से आपको बस, गाड़ी की व्यवस्था आसानी से मिल जाएगी। जिससे आप डायरेक्ट भावली पहुंच सकते हैं।
ट्रेन द्वारा
काठगोदाम रेलवे स्टेशन भवाली के सबसे नजदीक स्टेशन है। जो कि लगभग 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्टेशन से आप गाड़ी या बस कर सकते हैं। जो कि आसानी से उपलब्ध है।
सड़क के द्वारा
सड़क मार्ग के लिए आपको हल्द्वानी से भवाली 2 मार्गो से पहुंचा जा सकता है। पहले मार्ग हल्द्वानी से भीमताल होते हुए भवाली तथा दूसरी मार्ग हल्द्वानी से जोलीकोर्ट होते हुए भवाली पहुंच सकते हैं।
हल्द्वानी से भवाली लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वह नैनीताल और भीमताल दोनों से भवाली दूरी 11 किलोमीटर की है।
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