फूलो की घाटी

फूलो की घाटी जुलाई से सितंबर तक आकर्षक रंगीन फूलों से लदा हुआ क्षेत्र होता है। वैसे तो हमारे उत्तराखंड में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। लेकिन उत्तराखंड के गढ़वाल में स्थित चमोली में है। यह सौंदर्य दृश्य देखने को मिलता है।जिसे फूलों की घाटी के नाम से जाना जाता है।

फूलो की घाटी राष्ट्रीय उद्यान

इसकी सुंदरता इतनी मनमोहक है कि लगता है मानो स्वर्ग में आ गए हो। स्वर्ग की अप्सराय और देवी देवता भी शायद यहां विराजमान हो। यह शानदार दृश्य आपको देखने के लिए मई या जून में खुलता है। यह लगभग अक्टूबर से नवंबर तक खुला रहता है। पहाड़ों में प्रकृति की सुंदरता। यहां की सुंदरता में और चार चांद लगा देती है। यह लगभग 88 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ क्षेत्र है।

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान बहुत ही प्रसिद्ध और जाना माना नाम में से एक है ।जो कि उत्तराखंड में उपस्थित है। यह फूलों की घाटी के नाम से भी जाना जाता है। जिसे अंग्रेजी में फूलो की घाटी कहते हैं। यह भारत में उत्तराखंड राज्य के गढ़वाली क्षेत्र में है। यहां पर आपको देखने के लिए अलग-अलग प्रकार के फूलों से भरा उद्यान मिलेगा। जो कि बेहद खूबसूरत होता है।इन फूलों की घाटी विश्व संगठन यूनेस्को द्वारा सन 1982 में घोषित विश्व धरोहर स्थल नंदा देवी अभ्यारण नंदा देवी उद्यान का एक भाग है।

हिमालय क्षेत्र में इसे पिंडर वैली के नाम से भी जाना जाता है। यह भाग घाटी 3600 से 4000 मीटर तक फैली हुई है।सन 1931 में ब्रिटिश पर्वत रोहणी फ्रैंक एस स्मिथ और उनके साथी हॉल्डसवर्थ के साथ फूलों की 250 किस्म का पता लगाकर 1947 में अपनी पुस्तक फूलों की घाटी प्रकाशित कर इस घाटी को फूलों का स्वर्ग नाम से संसार में विख्यात कर दिया था। यही पारिजात पुष्पों की खोज में भीमसेन आए थे।विज्ञान के शोधार्थियों के अनुसार विश्व में एक ही स्थान पर इतने प्रकार के पुष्प नहीं मिलते हैं।

फूलो की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की तस्वीरें

फूलो की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास

फूलो की घाटी का इतिहास बहुत ही शानदार और खूबसूरत रहस्यमय है। कहा जाता है की रामायण कलम हनुमान संजीवनी बूटी की खोज में इसी घाटी में पधारे थे। इस घाटी का पता सबसे पहले ब्रिटिश पर्वत रोही फ्रैंक एस स्मिथ और उनके साथी हॉल्डसवर्थ ने की थी।

इसके बाद इन्होंने यहां के बारे में पुस्तक लिखी जिसमें यहां की घाटी का बहुत ही शानदार वर्णन है और इसे फूलों के स्वर्ग के नाम से प्रसिद्ध कर दिया। फूलों से लदा यह क्षेत्र 500 से भी अधिक प्रजातियों से सजा हुआ क्षेत्र है। फूल प्रेमियों के लिए यह बहुत ही शानदार और विश्व प्रसिद्ध स्थान में से एक है। यहां पर अलग-अलग प्रकार के फूलों के प्रजातियां पाई जाती है।

जिसमें से कुछ एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेन्टिला, जिउम, तारक लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रॉलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस, डेक्टाइलोरहिज्म, साइप्रिपेडियम, स्ट्राबेरी एवं रोडोडियोड्रान इत्यादि प्रमुख हैं।

फूलो की घाटी राष्ट्रीय उद्यान कहा हैं?

फूलों की घाटी जुलाई सितंबर तक आकर्षक रंगीन फूलों से लगा होता है। यहां पर देखने को एक समाधि में मिलेगी।इसके बारे में कहा जाता है। फूलों की घाटी को देखने के लिए 1939 में ” क्यू बोटेनिकल गार्डन ‘ लंदन की ओर से 54 वर्ष कि जॉन मार्गरेट लेग इस घाटी के फूलों की प्रजातियां का अध्ययन करने के लिए आई थी।

परंतु 4 जुलाई को दुर्भाग्यवश फूलों को चुनते हुए उनकी धारदार पहाड़ी से फिसल कर मृत्यु हो गई और वह इस घाटी की विश्व मानचित्र पर स्थापित करते हुए इस प्राकृतिक पुष्प शैली पर समाधि से हो गई। उनकी समाधि पर अंकित यह शब्द प्राकृतिक प्रेमियों को बरबस आकर्षित करते हैं ” I will left up mines eyes unto the hills from whence cometh my help “

Valley of Flowers National Park Photos
Valley of Flowers National Park Photos

यहां के स्थाई लोग का मानना था। कि यह है जगह देवी देवताओं के द्वारा बनाई गई जगह में से एक है। क्योंकि विज्ञान के अनुसार भी कितने प्रजातियों के फूल एक साथ नहीं हो सकते हैं। पर यहां पर बहुत प्रकार के फूल देखने को आपको मिलेंगे। स्थाई लोगों का मानना था।जो भी यहां जाता है‌।उसको परिया अपने कब्जे में कर लेती हैं।पर ऐसा नहीं है ।अब यहां लोग घूमने जाते हैं। यहां की सुंदरता का लुफ्त उठाते हैं।

फूलो की घाटी के नजदीक के पर्यटन स्थल

फूलो की घाटी के आसपास घूमने के लिए बहुत ही शानदार जगह भी उपस्थित हैं।

बद्रीनाथ मंदिर

बद्रीनाथ मंदिर, यह फूलों की घाटी से 25 किलोमीटर दूर स्थित है‌।यह मंदिर उत्तराखंड के जिले में एक प्राचीन मंदिरों में से एक है। क्योंकि अलकनंदा नदी के किनारे गढ़वाल हिमालय पर्वत माता में 3133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह भारत के तीर्थ स्थानो में सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

यह भारत के चार धाम में से एक धाम है।जो की बेहद ही सुंदर और विष्णु भगवान का साक्षात दर्शन वाले मंदिरों में से एक है। बद्रीनाथ जगह अपने बद्रीनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।जिसमें भगवान विष्णु का निवास है। मान्यता है कि वर्तमान मंदिर आठवी शताब्दी से संत शंकराचार्य के द्वारा स्थापित किया गया था‌। बद्रीनाथ मन्दिर के बारे में जाने के यहां क्लिक करें

जोशीमठ

यहां पर आपको देखने के लिए जोशीमठ भी मिल जाएगा। जो की बहुत ही शानदार जगह में से एक है। फूलों की घाटी से जोशीमठ लगभग 20 किलोमीटर दूर है। बद्रीनाथ से 42 किलोमीटर दूर है। जोशीमठ को ज्योति मठ भी कहा जाता है। यह जगह कई हिमालय अभियानों, ट्रैकिंग, कैंपिंग और तीर्थ के केंद्र का प्रवेश द्वार भी है।जोशीमठ आदि शंकराचार्य द्वारा आठवीं शताब्दी में स्थापित किया गया था।

नंदा देवी नेशनल पार्क

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान ट्रैकिंग और लंबी पैदल यात्रा के लिए बहुत ही शानदार अद्भुत यात्रा का अवसर देता है। यहां का कैंप और ट्रैक चुनौती पूर्वक लोगों के लिए माना जाता है। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान 1 मई से 31 अक्टूबर तक पूरे साल में केवल 6 महीने के लिए ही खुलता है।जिसमें अगस्त को की भीड़ रहती है।

पांडुलेश्वर

पांडुलेश्वर फूलों की घाटी घाघरिया गांव से 3.2 किलोमीटर दूर है।यह जगह हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी के लिए सड़क पर मानव निवासियों के साथ अंतिम क्षेत्र है।यह क्षेत्र समुद्री तल से 3050 मीटर ऊंचाई पर बसा हुआ गांव है। यहां से गोविंद घाट 13 किलोमीटर और फूलों की घाटी 4 किलोमीटर दूर है। यहां पर आपको देखने के लिए चारों ओर झरना, पहाड़ से गिरा हुआ क्षेत्र दिखेगा।यहां पर बर्फबारी भी होती है। यह जगह केवल मई से अक्टूबर में खुलता है।

हेमकुंड साहिब

फूलों की घाटी से हेमकुंड साहिब लगभग 6 किलोमीटर दूर है। हेमकुंड साहिब उत्तराखंड में प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थान में से एक है। यहां हर साल हजारों के तादाद में लोगों तथा तीर्थ यात्रा के भीड़ उमरी है। मंदिर सर्दियों में बर्फ की मोटी चादर से छिपा हुआ रहता है।

FAQs:

फूलों की घाटी कितनी है?

पूरे विश्व में  एक ही ऐसी फूलों की घाटी है इसका नाम यूनेस्को में भी दर्ज हैI

फूलों की घाटी कब जाएं?

जुलाई से सितंबर सबसे बेस्ट टाइम रहता है क्योंकि यह समय फूलों के खिलने का होता हैI

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान किस जिले में स्थित है?

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के गढ़वाल में स्थित चमोली में है।

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